युवावर्ग को आकर्षित कर रही है विवेक शर्मा की फिल्म
" A GAME CALLED RELATIONSHIP"
(ए गेम काल्ड रिलेशनशिप)
" ए गेम काल्ड रिलेशनशिप", महानायक अमिताभ बच्चन को भूतनाथ फिल्म में निर्देशित करने वाले विवेक शर्मा की अपने बैनर Filmzone Creations LLP" तले प्रदर्शित होने वाली पहली फिल्म है जो रोमांटिक कामेडी है और पिछले दो हफ़्तों से दर्शकों, खास तौर से युवा वर्ग को लगातार आकर्षित कर रही है.
विवेक शर्मा न केवल इस फिल्म के प्रोड्यूसर,निर्देशक, लेखक, वितरक भी हैं. बल्कि इन चार भूमिकाओं के अलावा उन्होंने फिल्म में अभिनेता के रूप में भी पहली बार entry की है.एक चुलबुले फिल्म डायरेक्टर के किरदार में उनकी कामेडी दर्शकों को भाती है. फिल्म के अन्य मुख्य कलाकार मैंडी तखर, कपिल खादीवाला, सुमित सूरी, सबीना, फैज़ल शाह, सुमन मिश्रा, आदि ऐसे नाम हैं जो कुछ दर्शकों के लिए नए हो सकते हैं लेकिन यकीन मानें वे इतने नए भी नहीं हैं. उनके बारे में मैं आगे लिखूंगा लेकिन पहले आपके इस संभावित सवाल का जवाब दे दूं कि आप " A GAME CALLED RELATIONSHIP" फिल्म को आखिर क्यों देखें?
पहली बात, यदि आप फिल्म के title और पोस्टर्स को देखकर कोई गलत धारणा बना चुके हैं तो उसे दिल से निकाल दें क्योंकि यह बहुत ही साफ़-सुथरी और मनोरंजन से भरपूर फिल्म है जो content-wise भी आपको अंत तक involve किये रहती है . दूसरी बात इसकी उत्कृष्ट सिनेमेटोग्राफी और खूबसूरत लोकेशंस आप को अवश्य पसंद आयेंगीं. (खबर है कि इस फिल्म की शूटिंग मुंबई के अलावा उज्जैन, इंदौर और मांडू जैसी नामचीन जगहों पर की गई है. तीसरी बात, इस फिल्म में विवेक शर्मा, का एक नया अवतार हुआ है कॉमेडी एक्टर का. उनका तकिया कलम सोडा मंगाओ दर्शकों को ज़रूर याद रहेगा. . चौथी बात, फिल्म dogmatic नहीं है पर उसमें एक सोशल मेसेज है कि कोइ भी relationship game नहीं होती और यदि उसे game की तरह खेला जाए तो उसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं.
फिल्म की कथा और किरदारों की बात करें तो इसकी केंद्रीय भूमिका में शाना (मैंडी तखर ) और कबीर (कपिल खादीवाला) की सेलिब्रिटी जोड़ी है जो कुछ सालों से लिव इन रिलेशनशिप में रह रही है. इस जोड़ी की ज़िन्दगी में कुछ ऐसा युवा आते हैं जिनके अपने कुछ सपने हैं और जो महत्वाकांक्षी अभिनेता बनना चाहते हैं.
तीन लड़के और तीन लड़कियां जिनकी communication लिंक है फैज़ल शाह . जब शाना और कबीर अपने relationship के breakup का झूठा नाटक करते हैं तो लड़के शाना पर और लड़कियां कबीर पर डोरे डालना शुरू कर देती हैं. फिल्म में चुलबुले डायरेक्टर गौतम का किरदार निभानेवाले विवेक शर्मा भी शाना से flirt करने में नहीं चूकते..अब शाना और कबीर की लिव इन रिलेशनशिप और उनके so called breakup का नया खेल शुरू होता है जो स्टोरी को कुछ new twists के साथ एक happy ending तक ले जाता है. सारांश में कहें तो यह फिल्म हलके-फुल्के अंदाज में रोमांस और मनोरंजन का भरपूर तड़का देती है.
जहांतक पार्श्व संगीत और गानों का प्रश्न है तो व्यक्तिगत रूप से मुझे लगा कि उसमें improvisation की और भी गुंजाइश थी. हालांकि नकश अजीज इस फिल्म से पहले दिलवाले, बजरंगी भाईजान और fan जैसे हिट फिल्मों से अपना नाम कमा चुके हैं.
फिल्म की सीमाओं की बात करें तो सबसे पहली सीमा तो यही है कि यह mega-budget फिल्म नहीं है और न ही इसकी cast बहुत बड़ी है. हालांकि मैंडी तखर पंजाबी फिल्मों में एक जाना-पहचाना नाम है, कपिल खादीवाला प्रसिद्ध मॉडल रहे हैं और फिल्मों में उनका आगमन काफी नई संभावनाएं जगाता है. सुमन मिश्रा (जिनके वेब साइट्स पर अनेक नाम मिलते हैं : मसलन - Sumann, Jugnu Ishiqui )भी जानी मानी मॉडल होने के साथ कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं. उनकी अपनी एक वेबसाइटभी है -iamsumann.com. सबीना और सुमित सूरी भी ग्लैमर की दुनिया में अनजाने नहीं हैं.
विवेक शर्मा ने इस फिल्म में as an actor, debut किया है लेकिन उनकी comic timing गज़ब की है.. पूरी फिल्म में vulgarity कहीं नहीं है, ( उसमें एक डायलाग भी है "अपनी roots नहीं छोड़ी जाती..) और उसमें वो elements जानबूझ कर नहीं रखे गए हैं जो आजकल धड़ल्ले से वेब पर बेचे जा रहे हैं. फिल्म को विवेक शर्मा ने बहुत ही meticulously देश के चुने हुए सिनेमागृहों में चुने हुए show-timings के साथ प्रदर्शित किया है. इसमें उनकी अपनी strategy और अपनी limitations हो सकती हैं. चूंकि विवेक शर्मा के अपने बैनर Filmzone Creations LLP" तले प्रदर्शित होने वाली यह पहली फिल्म है जिसे मलंग और शुभ मंगल ज्यादा सावधान जैसी बड़े बजट और mega publicity वाकी फिल्मों के बरक्स velentine day पर मैदान में उतरा गया है, इसलिए उन्होंने हर तरह से पूरी सावधानियां बरती हैं. बड़े प्रचार तंत्र के अभाव में फिल्म सीमित दर्शकों तक पहुँच रही है लेकिन इस प्रदर्शित दो हफ्ते हो चुके हैं जो अपने आप में इसकी सफलता का प्रमाण है.
विवेक शर्मा के पास अभी काफी नई प्रोजेक्ट्स हैं, पटकथाएं हैं, और इस बारे में वे अपने साक्षत्कार में कई बार बता भी चुके हैं, आशा की जानी चाहिए कि उनकी आने वाली फ़िल्में भारतीय फिल्म उद्योग की यात्रा में नया मुकाम हासिल करेंगीं.
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