Tuesday, June 24, 2014

आज बस इतना ही…24 जून, 2014


PIC.CREDIT - GOOGLE 

बहुत से रिश्ते बस जताने वाले होते है।
उनमें दो-चार ही निभाने वाले होते हैं।

हवा के साथ उड़ते तिनकों का भरोसा क्या,
वो कहां आशियां बनाने वाले होते हैं?

उतार लेते हैं आंखों में अक्स चेहरों का
जो रोज दिल पे चोट खाने वाले होते हैं।

उजाले बीच कहीं भी नज़र नहीं आते,
वो हाथ, जो दिये जलाने वाले होते हैं।

हज़ार दुख हैं सभी को यहां इस दुनिया में
न सोच, दुख भी आने-जाने वाले होते हैं।


- रमेश तैलंग

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