(photo credit - google-addictinginfo.com)
केंटकी में हुआ यह हादसा केवल एक हादसा नहीं है अपितु वहां के सभ्य समाज के लिए दिल दहलाने वाला सबक है जो उन्हें सोचने के लिए मजबूर कर रहा है कि इस तरह के हादसों से बचने के लिए क्या कदम उठायें जाएं. आपको याद होगा कि इस हादसे के पूर्व भी ऐसा ही एक हादसा कान्सास सिटी मिसूरी में हुआ था जिसमे एक १२ वर्षीय बच्चे की बन्दूक के गोली से उसके १४ वर्षीय भाई की जान चली गई थी.
बन्दूकी संस्कृति अमेरिकन समाज में किस तरह पसर चुकी है उसका एक जघन्य उदाहरण पिछले दिसंबर में कनेक्टिकट में हुई वह शर्मनाक घटना भी है जिसमें एक बन्दूकधरी ने कुछ वयस्कों सहित २० बच्चों की निर्मम हत्या कर दी थी.
दुःख की बात ये है कि जहां सभ्य समाज के अधिकांश लोग इस विकराल समस्या पर लगाम लगाने का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं वहीं एक वर्ग ऐसा भी है जो इस "बन्दूक संस्कृति" को परोक्ष/अपरोक्ष ढंग से पोषित करने में लगा हुआ है. संतोष की बात ये है कि अमेरिकन राष्ट्रपति ओबामा ने "बन्दूक सुरक्षा तकनीक" में बदलाव लाने की ओर इंगित किया है जिसके अंतर्गत ऐसी "स्मार्ट बन्दूकें" उपलब्ध करें जाएं जो यदि गलत हाथ मे पड़ जाएं तो फायर न कर सकें.
पिछले दिनों किये गए कुछ सर्वेक्षणों से पता चला है कि अन्य विकसित देशों की तुलना में अमेरिका में बन्दूक के जरिए होने वाले ऐसे हादसों की संख्या न केवल कई गुनी है बल्कि वहां ५ से १४ वर्ष के बच्चे 'फॅमिली गन ' का इतेमाल करके आत्महत्या भी अधिक करते हैं. "thegrio.com" वेबसाईट पर प्रकाशित एक लेख के हवाले से -हार्वर्ड स्कूल ओफ पब्लिक हेल्थ के डेविड हेमेंवे का कहना है कि "अमरीका की राजनीति में बन्दूक क़ानून का मसला सबसे अधिक पेचीदा है और किसी भी उच्च आय वाले देशों की तुलना में अमेरिका में बन्दूक से होने वाले हादकों की समस्या सबसे ज्यादा जटिल है."
कई लोगों का मानना है कि अमरीका में जो वर्तमान बन्दूक-क़ानून (गन लाज) हैं वे वहां के नागरिकों की मिलिटरी हथियारों तक पहुंच बनाने में लचीले हैं और उन्हें कठोर बनाए जाने की आवश्यकता है. यदि क़ानून कड़े हों तो ऐसे हादसों को काफी हद तक रोका जा सकता है.##
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