पहला कदम
-रमेश तैलंग
ज्ञान पथ पर रख दिया अब हमने भी पहला कदम
लो, हुई अज्ञान की सत्ता खतम, सत्ता खतम.
न मन में कोई शोक अब.
न पथ में कोई रोक अब.
फैला हुआ है हर तरफ
आलोक ही आलोक अब.
ज्ञान पथ पर रख दिया अब हमने भी पहला कदम
लो, हुई अज्ञान की सत्ता खतम, सत्ता खतम.
दूर सारे डर हुए .
शिक्षा के नव अवसर हुए
हैं हम अकेले अब कहां,
साथी सभी अक्षर हुए
ज्ञान पथ पर रख दिया अब हमने भी पहला कदम
लो, हुई अज्ञान की सत्ता खतम, सत्ता खतम.
सोई किस्मत जागेगी
परतंत्रता अब भागेगी
वंचित रही जो आत्मा,
अधिकार अपना पाएगी .
ज्ञान पथ पर रख दिया अब हमने भी पहला कदम
लो, हुई अज्ञान की सत्ता खतम, सत्ता खतम.
photo credit: google search
आदरणीय रमेश सर, बहुत बढिया.......... पूरी विनम्रता से कह रहा हूँ... इसे सुझाव की तरह न लें ... मुझे तो अधिकार अपना मांगेगी. कि जगह अधिकार अपना पा लेगी /पायेगी अधिक भा रहा है .. .
ReplyDeleteआत्मीय प्रफुल्ल जी...आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया से अभिभूत हूं. एक शब्द के परिवर्तन से अर्थध्वनि पूर्णकाम हो गई...आपका ह्रदय से आभार.
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