Monday, December 1, 2014

आज बस इतना ही…………2 दिसंबर, 2014


 



तन्हाई से निकल तो नज़र आएगी दुनिया।
वरना अकेला मेले में कर जाएगी दुनिया।

तू बूंद ही सही, मगर वज़ूद है तेरा
तेरे बगैर सोच, किधर जाएगी दुनिया।

परवाह न कर, ज़िंदगी छोटी है या बड़ी
तू ठान ले तो पल में ठहर जाएगी दुनिया।

जीने का हो एह्सास तो जीती है कायनात
गर ये ही न रहा तो मर जाएगी दुनिया।

मुट्ठी में पकड़ रख, नहीं तो देखना इक दिन
आंखों के सामने से गुज़र जाएगी दुनिया।
 

 - रमेश तैलग

 

4 comments:

  1. अच्छी ग़ज़ल है. शुभकामनाएं!!!

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  2. परवाह न कर, ज़िंदगी छोटी है या बड़ी
    तू ठान ले तो पल में ठहर जाएगी दुनिया।
    बहुत खूब ... बस मन में ठानने की ही जरूरत होती है ... हर काम पूरा हो जाता है ...

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  3. bahut sunder bhaawpurn gazal hetu badhayi

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