Wednesday, January 1, 2014

दुआ मांगो ये मंज़र आँख के आगे न फिर आए!




PIC. CREDIT : GOOGLE SEARCH 


सेन्ट्रल अफ्रीकन रिपब्लिकन में जारी  जातीय दंगों में पिछले दिनों दो बच्चों को,  धड से सिर अलग कर जिस नृशंसता के साथ मारा गया वह किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक  घटना से कम नहीं.

मीडिया के जरिये हाल में जो ख़बरें मिल रही हैं उनसे सबसे बड़ी चिंता की बात यह  है कि सभी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को धता बताकर, इस अशांत क्षेत्र में हो रहे  सशत्र विद्रोह/युद्ध में बच्चों को जबरन शामिल होने के लिए मजबूर किया जा रहा  हैं और फ्रांसीसी तथा अफ्रीकन सेना के शान्ति स्थापित करने के प्रयासों के बावज़ूद स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.  

यूनिसेफ द्वारा की जा रही  अपीलों का भी अपेक्षित असर होता नहीं दिखाई दे रहा है. आशा की जानी चाहिए  कि इस विकराल मानवीय समस्या का शीघ्र ही कोई शांतिमय हल निकल आये, और देश-दुनिया के बच्चों को किसी भी सशस्त्र विद्रोह/युद्ध की आग में न झोंका जाए. ##

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