१.
दिल के रिश्ते गाढे हों और बोलाचाली बनी रहे.
मांग दुआ, आँखों के आगे ये हरियाली बनी रहे.
नए चाँद की खुशियाँ ले कर ईद हमारे घर आये,
और तुम्हारे आँगन में हर रोज़ दिवाली बनी रहे.
शक-शुबहों के धूल भरे जाले हो जाएँ साफ़ ज़रा,
ऐसा भी क्या जब देखो तब नज़र सवाली बनी रहे.
संजीदा चेहरों को तकते-तकते सालों गुज़र गए,
अब मुखड़ों पर लाली आई है तो लाली बनी रहे.
बहुत रुलाया है हम बिछुडों को कमबख्त सियासत ने,
कोई सूरत कर कुछ दिन तो अब खुशहाली बनी रहे.
२.
दीवारों के बीच कहीं पर एक झरोखा रखना.
कभी-कभी इंसानों की तरह भी सोचा करना.
बुरे बक्त की यादें आ कर सिर्फ रुलायेंगी ही
बहुत दिनों तक सीने पर न बोझ ग़मों का रखना.
सीधे सच्चे लोग बहुत ही ज़ज्बाती होते हैं,
उनसे जब भी करना कोई सच्चा सौदा करना.
तेरी मिटटी में मेरी मिटटी की खुशबू शामिल है,
मुमकिन कैसे हो पायेगा उसे अलहदा रखना.
Sahaj ghazalen hain.
ReplyDeleteअच्छी गजलें कही हैं। बधाई।
ReplyDelete------
जीवन का सूत्र...
NO French Kissing Please!