दिल के रिश्ते गाढे हों और बोलाचाली बनी रहे।
मांग दुआ, आँखों के आगे ये हरियाली बनी रहे।
नए चाँद की खुशियाँ ले कर ईद हमारे घर आये,
और तुम्हारे आँगन में हर रोज दिवाली बनी रहे।
शक-शुबहों के धूल भरे जाले हो जाएँ साफ जरा,
ऐसा भी क्या जब देखो तब नजर सवाली बनी रहे।
संजीदा चेहरों को तकते-तकते सालों गुजर गए,
अब मुखड़ों पर लाली आई है तो लाली बनी रहे।
बहुत रुलाया है हम बिछुडों को कमबख्त सियासत ने,
कोई सूरत कर कुछ दिन तो अब खुशहाली बनी रहे।
- रमेश तैलंग
मांग दुआ, आँखों के आगे ये हरियाली बनी रहे।
नए चाँद की खुशियाँ ले कर ईद हमारे घर आये,
और तुम्हारे आँगन में हर रोज दिवाली बनी रहे।
शक-शुबहों के धूल भरे जाले हो जाएँ साफ जरा,
ऐसा भी क्या जब देखो तब नजर सवाली बनी रहे।
संजीदा चेहरों को तकते-तकते सालों गुजर गए,
अब मुखड़ों पर लाली आई है तो लाली बनी रहे।
बहुत रुलाया है हम बिछुडों को कमबख्त सियासत ने,
कोई सूरत कर कुछ दिन तो अब खुशहाली बनी रहे।
- रमेश तैलंग